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रांची के इटकी में राज्य का दूसरा (एम्स) अस्पताल स्थापित किया जाय-बंधु तिर्की

विधायक बंधु तिर्की ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिखकर एम्स की मांग की है तिर्की ने अपने पत्र में कहा है झारखंड की राजधानी रांची से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इटकी आरोग्यशाला सन् 1928 में स्थापित 435 बेड का अस्पताल है जो लगभग 365 एकड़ भू-भाग में फैला हुआ है आरोग्यशाला परिसर में विभिन्न प्रकार के लगभग 3700 पेड़ हैं विभिन्न पेड़ों से आच्छादित यह आरोग्यशाला परिसर श्वास संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए एक आदर्श स्थल है।

विदित हो कि झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 ई. को बिहार राज्य से विभाजित होकर हुआ था परिणाम स्वरूप झारखंड के हिस्से में कम मेडिकल कॉलेज आए यहां तक कि झारखंड में सरकार की एक भी सुपर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल नहीं है एक एम्स की सौगात झारखंड को मिली है परंतु उसकी स्थापना देवघर जिले में कराई जा रही है जो झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 250 किमी. की दूरी पर स्थित है। बिहार में दो एम्स की स्थापना की गई है झारखंड की राजधानी रांची में एक एम्स की स्थापना की जाए इसके लिए सरकार के पास पर्याप्त जमीन भी है भूमि अधिग्रहण की भी समस्या नहीं होगी छोटानागपुर की हृदय स्थली पर स्थित रांची शहर से महज 15 किमी की दूरी पर स्थित इटकी में स्वास्थ्य विभाग की 365 एकड़ भूमि है जिसका उपयोग एम्स की स्थापना हेतु उपयुक्त है रोड कनेक्टिविटी के साथ रेलवे की सुविधा भी उपलब्ध और मात्र 15 किमी की दूरी पर रांची हवाई अड्डा अवस्थित है रांची के इटकी में आरोग्यशाला की भूमि पर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज, नेफ्रोलॉजी सेंटर, पारा मेडिकल सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर, पैथोलॉजिकल लैबोरेट्री,ऑडिटोरियम, फार्मेसी कॉलेज, ड्रग टेस्टिंग सेंटर, पोस्टमार्टम सेंटर आदि संस्थानों की स्थापना कराई जाए ताकि झारखंड की गरीब जनता को बेहतर इलाज के लिए देश के महानगरों की ओर पलायन ना करना पड़े झारखंड की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा रांची के इटकी में मेडिको सिटी बसाने के लिए 918.20 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी परंतु वर्तमान में यह ठंडे बस्ते में चला गया है इस राशि का उपयोग भी उक्त अस्पताल की स्थापना हेतु की जा सकती है बिहार राज्य से अलग होकर झारखंड राज्य का गठन हुआ है बिहार में अत्यधिक संख्या मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद दो-दो एम्स की मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा दे दी गई,झारखंड की समूची जनता का एक ही आस रिम्स रांची है जो खुद सुपर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल नहीं है मरीज की भीड़ इतनी है कि रिम्स बोझ सहने में बेकाबू है। हालत यह है की जमीन पर लिटा कर मरीजों की इलाज की जाती है खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड की धरती हरे-भरे वनों से आच्छादित है पहाड़ों एवं नदियों से घिरे खनिज संपदाओं कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट आदि से परिपूर्ण चारों ओर से सागवान के वनों से घिरी हुई है झारखंड में देश की अग्रणी राज्य बनने की सभी संभावनाएं मौजूद है यह एक ऐसा प्रदेश है जहां देश की कुल खनिज का 40% उत्पादन होता है देश में यह प्रदेश लोह अयस्क,तांबा, अभ्रक,एस्बेस्टस एवं यूरेनियम के उत्पादन में प्रथम है तथा कोयला और थोरियम के उत्पादन में तीसरा नंबर रखता है यह विडंबना ही है संभवत देश को सबसे अधिक राजस्व देने वाला राज्य की गरीब जनता आज भी झोलाछाप डॉक्टरों एवं ओझा-गुनी से इलाज एवं झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं।

तिर्की ने यह पत्र कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी,मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा,माननीय मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के साथ-साथ रांची के सांसद संजय सेठ लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत एवं राज्यसभा के सदस्य धीरज प्रसाद साहू एवं महेश पोद्दार को भी यह पत्र भेजा है।

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