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शहादत दिवस पर भावपूर्ण श्रद्दांजलि के साथ शुरू हुई आजसू पार्टी की सामाजिक न्याय यात्रा
रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि माटी पुत्र शहीद निर्मल महतो को याद करने और सम्मान जताने का जज्बा हम सिर्फ तारीख पर नहीं रखते. उनके विचारों और व्यक्तित्व को हर पल दिलोदिमाग में जिंदा रखते हैं. निर्मल दा के विचार, संकल्प, और साहस हमारी राहों का अहम हिस्सा है. उनके सपने साकार करने के लिए हमारा संघर्ष अथक और अडिग रहेगा.
निर्मल महतो के शहादत दिवस पर सिल्ली स्थित निर्मल चौक पर भावपूर्ण श्रद्दांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने ये बातें कही. इसके साथ ही आजसू पार्टी की सात दिनों की सामाजिक न्याय यात्रा की शुरुआत की.
उन्होंने कहा कि राज्य के मौजूदा हालात के बीच यह बेहद जरूरी है कि हर झारखंडी में यह हसरत हो कि निर्मल महतो के सपने साकार किए जाएं. खासकर झारखंड की नई पीढ़ी को संवाद के जरिए निर्मल महतो के विचार और संघर्ष की जानकारी दी जाए. दरअसल झारखंड आंदोलन के प्रणेता निर्मल महतो के विचारों को जीवन में उतारे बिना क्रांतिकारी और कल्याणकारी बदलाव नहीं लाए जा सकते.
श्री महतो ने कहा कि झारखंड जब भी अपने अलग राज्य होने पर गर्व करता है, तो इसके लिए एक लंबी और तीखी लड़ाई याद आती है. साथ ही हमारा सर निर्मल दा के लिए हमेशा झुकता है, जिन्होंने युवाओं में ऊर्जा का गुबार भरा, संघर्ष की मुनादी की और आंदोलन को दिशा दी. लेकिन अफसोस जवानी में ही निर्मल दा शहीद हो गए. अगर वे आज जिंदा होते, तो राज्य की तस्वीर कुछ और होती.सामाजिक न्याय यात्रा शुरू उन्होंने कहा कि निर्मल दा के शहादत दिवस पर आज से सात दिनों के लिए पूरे राज्य के 260 प्रखंडों के गांव- गांव में ‘सामाजिक न्याय यात्रा’ निकाली जा रही है. पिछड़ा वर्ग और वंचितों के हक, अधिकार के लिए यह यात्रा एक कारगर प्रयास होगा. इस यात्रा के जरिए पिछड़ा और वंचित परिवारों से स्मरण पत्र पर हस्ताक्षर लिए जाएंगे, जिनकी टीस है कि झारखंड की सरकार ने जनमत के साथ धोखाधड़ी की है.कार्यकर्ताओं और समर्थकों का आह्वान करते हुए करते हुए उन्होंने कहा कि ‘सामाजिक न्याय यात्रा’ झारखंड के बड़ा तबका में हकमारी की बेचैनी से बाहर निकलने की आस जगाए. और सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ आवाज बुलंद करे. बहुत संभव है कि यह यात्रा राज्य में जनादेश के साथ छल और अपमान के खिलाफ वृहद स्वरूप ग्रहण करे. हमारी प्रतिबद्धता की बाजी लग जाए. इसलिए निर्मल महतो की शहादत दिवस पर हमारा संकल्प रहे कि संघर्ष अथक और अडिग रहे.