Newsroom team:समकालीन राजनीतिक इतिहास के सर्वश्रेष्ठ राजनीतिज्ञों मे शुमार, ओजस्वी वक्ता,अनुशासित सदस्य और धरातलीय, मानवीय संवेदनाओं से युक्त स्वच्छ राजनीति के पुरोधा को शुक्रवार को पूरे देश ने श्रद्धांजलि अर्पित किया एवं उनके आदर्शो को याद किया गया |6 अगस्त वर्ष 2019 को ही असमय देह से विदेह हो जाना देशवासियों के लिए बड़ा गहरा आघात था ,जो चिरकाल निद्रा मे लीन होकर देश को अपने ममत्व से रिक्त कर दिया |सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की ऐसी शक्सियत थी जिन्हें हर पार्टी, समुदाय, वर्ग के लोगों का भरपूर प्यार मिला, जो तेज तर्रार एवं प्रखर नेता कि छवि रखने वाली सुषमा स्वराज उन दिग्गज नेताओं मे थी जिन्होंने अपनी ओज और तेज से समाज के हर वर्ग को प्रभावित किया |इस भारतीय नारी का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला छावनी मे जन्म लेने का राजनीति जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी, उनके राजनीति कौशल एवं भाषा शैली ऐसी थी कि हर कोई उनका मुरीद था |किस तरह याद किया जाय यह कम है,शायद एक पंद्रहवी लोकसभा मे नेता प्रतिपक्ष या संसदीय कार्यमंत्री या केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री या केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्री या एक दिल्ली के पहली महिला मुख्यमंत्री या एक सबसे कम उम्र की मंत्री या पहली प्रवक्ता या फिर विदेश मंत्री, सात बार सासंद, और तीन बार विधायक रह चुकी सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति का एक आदर्श चेहरा थी | वे भारतीय राजनीति की सतरंगी रेखाओं की सादी तस्वीर थी वे जितनी राजनीतिक थी उससे अधिक मानवीय एवं सामाजिक थी | इनका सम्पूर्ण जीवन अभ्यास की प्रयोगशाला थी |मौलिक सोच एवं राजनीतिक जिजीविषा के कारण उन्होंने पार्टी के लिए संकटमोचन की भूमिका भी भी निभाई | वे राजनीति मे उलझनें को सुलझाने के लिए कई दफा राजनीतिक जादू दिखाती रही, उनकी जादुई चालों की ही देन है कि वे अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रही हैं, उन्होंने पांच दशक तक सक्रिय राजनीति की, अनेक पदों पर रही,पर वे सदा दूसरों से भिन्न रही,घाल- मेल से दूर,भ्रष्ट राजनीति मे बेदाग, विचारों मे निडर, टूटते मूल्यों मे अडिग |सुषमा स्वराज भाजपा की एक नारी रत्न थी वे भारतीय संस्कृति की आदर्श महिला थी और यह भारतीय संस्कृति उनमे बसी थी जो नेता,कुशल वक्ता के साथ बडे़ तत्वज्ञानी भी थी | जो स्वाभाविक है हर भारतीय को गहरी संवेदना/दु:ख हुआ था स्व.सुषमा जी के निधन पर और होगी क्यों नहीं जिनके नाम पर ही ‘मां’ था, उन्होंने उसे पूरी तरह सार्थक किया यानि किया भी और जिया भी |उनकी पहचान ही ‘हिंदी’ और ‘बिंदी’ से जो थी।। मसलन इनके माथे की बिंदी मे दिखती थी धरती माँ, और वाणी मे छलकता है सुंदर सा संसार |यहाँ तक कि अक्सर सुषमां जी का साड़ी देखकर यह जान लेते कि आज दिन कौन सा था या दिन से आप को मालूम हो जाता कि फलां रंग की साड़ी पहनी होंगी |जैसे-सोम के दिन सफेद या दुधिया, मंगल-लाल या संतरी रंग, बुध को हरे रंग की, गुरु- पीली या नारंगी,शुक्र के दिन ग्रे या गुलाबी रंग के,शनि- काले रंग या जामुनी रंग की और रवि के दिन मनोनुकूल रंग |सुषमा जी भारतीय नारी को स्वतंत्र वजूद बनाये रखने का आदर्श छवि का छाप छोड़ कर गयी। उन्होंने भारतीयता को हमेशा परंपराओं से परिभाषित की। सुषमा स्वराज का कद भारतीय राजनीति मे कितना भी बड़ा हो लेकिन दिल व दिमाग से वो एक आम हिंदुस्तानी महिला की तरह भी थी, फिर चाहे वो अपने पति स्वराज कौशल के साथ करवां चौथ मनाने की हो या 2011 मे सरकार के खिलाफ मे एक प्रोटेस्ट के दौरान राजघाट पर देशभक्ति की गाने पर नाचने की बात हो यही विशेषता जो कुशल राजनेता के साथ- साथ एक आम भारतीय महिला की तरह भी से हर मोर्चे पर अपना किरदार बखूबी निभाती रहीं || तो लाजिमी है ऐसे व्यक्तित्व को खोना भारतीय राजनीति का एक स्वर्णिम अध्याय खत्म होने के जैसे था उन्होंने राजनीति या अपने जीवन को एक नया आयाम दिया, लिहाजा उनके जीवन की दिशाएँ विविध एवं बहुआयामी रही हैं |सचमुच मे देश ने एक महत्वपूर्ण मोती खोया है हमारी चहेती सुषमा स्वराज जी के रूप मे, इन्होंने इस देश से बहुत प्रेम किया है और इसके लिए देश हमेशा आपका आभारी रहेगा एवं ह्रदय स्पर्शी अमृतवाणी अपनी मातृभाषा और देशभक्ति के प्रति अविरल प्रेम को देखते हुए इनके आदर्शो की पूजा पूरे भारतवर्ष मे होते रहेगा |आज की महिलाओं व पुरुषों को इनके आदर्शों को अपने मे समाहित करके व्यावहारिकता मे पहल करने की और विशेषकर आज की नयी युवा पीढ़ी की लडकियों को अनुकरण करने की जरूरत है, धन्य है ऐसे अदम्य साहसी और परम विदुषी आत्मजई दिवंगत व दिव्य आत्मा स्वर्गगामिनी सुषमा स्वराज जी को ह्रदय से
कोटि कोटि नमन.
उमेश प्रसाद
युवा लेखक व स्तम्भकार