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संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल का कारनामा, प्रबंधन खुद बेच रहा किताब कॉपी,यूनिफॉर्म,मनमाने ढंग से हो रही वसूली

रांची:राजधानी रांची का संत जॉन स्कूल खुलेआम उड़ा रहा नियमों की धज्जियां,इस स्कूल में सभी वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं जिसका एडमिशन फ़ीस लगभग 50 हज़ार और मंथली फीस लगभग 2000 है,उपर से स्कूल प्रबंधन किताब कॉपी, यूनिफॉर्म, जूता मोजा भी खुद बेच रही है,

अभिवावकों का कहना है कि मनमाने ढंग से स्कूल में हो रहा धंधा,गार्जियन को अपमानित करता है स्कूल प्रबन्धन।

मिशनरीज या मदर टेरेसा और कार्डिनल तिलोस्फर पी टोप्पो के मिशन या उनके उद्देश्य के विपरीत यह स्कूल काम कर रहें है।

आईये इनके कारनामें जानते है:-

1.वर्ष 2023-2024 का फाइनल एग्जाम बिन सिलेबस पूरा किए ले लिया गया,अब इसका नतीज़ा बच्चों और गार्जियन को ही भुगतना होगा।

2.बीते वर्ष संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल से 100 से भी अधिक गार्जियन ने आपने बच्चों का नाम कटवा दिया था अलग अलग करणो से जिसका प्रमुख कारण पढ़ाई और नई प्रिंसीपल का बेहद ख़राब आचरण.

3.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल में जब से नई महिला प्रिंसिपल का आगमन हुआ है तब से स्कूल की स्थिति और ख़राब हो गई है,जिसमें बच्चों की पढ़ाई बेहद ख़राब हो गई है,कैंपस का वातावरण बेहद ख़राब विशेष कर बच्चों में गाली-गलौज,मार पीट आदि आम हो चुका है,इस स्कूल के प्रिंसिपल से गार्जियन से मिलना बेहद मुश्किल रहता है ऐसे भी मिशन स्कूल के प्रिंसिपल से मिलना गवर्नर से मिल सकते है पर ऐसे प्रिंसिपल से नही.

4.अगर घंटो इंतेज़ार के बाद प्रिंसिपल से आप मिल भी लिए तो आप अपमानित महसूस करेंगे,क्योंकि वह आपको बैठने कभी नही बोलेगी,ट्रंक कॉल जैसा प्रिंसिपल बोलेगी,स्थिति चोर-पुलिस जैसी,कुछ सवाल-जवाब कर देने पर मिसबिहेव भी कर देगी,आपको ही कोस देगी और यह काफ़ी सालों से मिशन स्कूल के प्रिंसिपल कहते है कि अपना स्कूल कर वहीं पढाईये और नजाने क्या-क्या बोल दिया जाता है वह तो गार्जियन ही और जानते होंगे। गार्जियन स्कूल की मोटी फ़ीस देकर भी अपमानित होते रहते है.

5.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल की प्रिंसिपल जब से आई है तब से एक बार भी बच्चों के क्लासरूम में नही गई है,न ही बच्चों के साथ खोलती है,जबकि पूर्व के प्रिंसिपल फादर एंथोनी हर क्लास रूम में हर दिन बच्चों के पास/शिक्षक के पास जाते रहते थे, बच्चों के बीच अक्सर खेलते थे.

6.महिला प्रिंसिपल होने से बच्चों में और भी लगाव होगा मगर यह प्रिंसिपल उसके विपरीत है.

7.प्रिंसिपल,स्कूल स्टाफ़ और स्कूल के वातावरण की वजह से आए दिन
गार्जियन को अपमानित किया जाता है.

9.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थिति अब सेवा की नही केवल मेवा खाने की रह गई है तभी तो उनके मोटे एडमिशन फ़ीस, मंथली फी, मेंटेनेंस फ्री,बस फ़ी,जब ना तब ली जाने वाली फ़ी से ही समझ सकते है ऊपर से अपमानित होने की कहानी अलग.

10.जो इनसब मामलें को जो लेकर आता है उसको टारगेट कर नुकसान पहुंचते हैं इसलिए गार्जियन छोड़ देते है.

11.गार्जियन की बैठक भी पूर्व निर्धारित नही रहती है जब कभी बैठक हो गई तो इनसे गार्जियन सवाल कर देता है तो वह उसे ही कोस देते या अपमानित कर देते.

12.जिनके बीच से इनका स्कूल चलता है उनके बच्चों को मातृभाषा/मदर टंक ही नही पढ़ाते.

13.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चें अगर कुछ मिनट की देरी से आए तो स्कूल का गेट बंद कर उनके गार्जियन के साथ गेट के बाहर अपमानित जैसा खड़ा कर दिया जाता।

14.संत जॉन इंगलिश स्कूल में आर्थिक गरीबों का पढ़ना मना है यही कहा जाता है जो बिल्कुल भी उचित नही है,स्कूल प्रबंधन एवं प्रिंसिपल मानसिक गरीब हो चुके है जो मिशन के उद्देश्य को ही भूल चुके है.

15.सीबीएसई स्कूल होने के नाते गार्जियन और स्कूल प्रबंधन की कमेटी बनेगी जिसमें सभी मामलें हल होंगे मगर यह आज तक बिन पूरे गार्जियन के सूचना दिए नही बनी,केवल प्रिंसिपल के रजिस्टर में कमेटी बन जाती है.

16.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल के गार्जियन अगर आर्थिक कारणों से फ़ीस नही जमा करते है तो उनके बच्चों को लाइन में लगाकर अपमानित कर उनके गार्जियन को भी अपमानित कर फाइनल एग्जाम तक नही लिखने दिया जाता है।

17.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रत्येक क्लास में छात्रों के सब्जेक्ट का लेशन स्कीप (छोड़-छोड़कर) कर पढ़ाया जाता है,जिससे बच्चों की अधूरी कर परीक्षा ले ली जाती है.

18.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल में छात्रों को मिलने वाला क्लास वर्क और होमवर्क की कॉपी क्लास टीचर्स चेक नही करती है अगर चेक भी करते है तो 5 से 10 प्रतिशत ही बाकि गार्जियन और छात्र समझें.

19.स्कूल में छात्रों के यूनिट टेस्ट में प्रत्येक विषय में अंक कुछ और फाइनल रिजल्ट में अंक कुछ और रहता है,जिससे छात्र फेल.

20.बीते वर्ष स्कूल ने बहुत से छात्रों को फेल कर दिया था और उन्हें उसी क्लास या दूसरे स्कूल में जाना पड़ा था और फ़िर दूसरे छात्रों को नया एडमिशन फीस लेकर यह धंधा फल फूल रहा है,इनका मक़सद नए एडमिशन से सिर्फ़ पैसा आना चाहिए जैसे टारगेट कर धंधा किया जाता है वैसा ही.ऐसा कई गार्जियन की कहानी मिली.

21.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल ने कई सालों से एक स्कूल कॉर्डिनेटर बनाया, जिनका नाम पी.नाग और वह महिला है,मगर गार्जियन से उनका व्यवहार बेहद ख़राब और अपमानित करने वाला हमेशा से रहा है,कॉर्डिनेटर गार्जियन को जैसे बच्चों को डांटा जाता है उसी तरह से डांटा करती है,किसी भी गार्जियन की पूरी बात सुने हुए ही वह बदतमीज की तरह पेश आती है,यह ख़ुद ही प्रिंसिपल और कोई भी टीचर बनकर बेहूदे तरीके से गार्जियन को जवाब देती है,जैसे लगता है कि स्कूल प्रबंधन ने इनको गार्जियन से मिस बिहेव करने को ही रखा है,इनके आचरण को गार्जियन अच्छे से जानते है,वह हमेशा से नाग की तरफ डसती रहती है,गार्जियन और स्कूल प्रबंधन के वातावरण को ख़राब करने में इनका भी बड़ा सड़ा हुआ रोल रहा है.

22.शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के कोटे में भी चोरी उसपर से छीनाजोरी भी इस स्कूल में हर साल होती है.

23.झारखंड हाई कोर्ट में भी संत जॉन स्कूल आरटीआई पर पार्टी है,जल्द ही नतीज़ा आएगा.

24.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल,रांची के गार्जियन की दो राउंड बैठक में यह सब मअलूम हुआ है।

25.संत जॉन इंग्लिश मीडियम स्कूल के कारनामें जानकर कौन गार्जियन अपमानित होने आपने बच्चों का एडमिशन लेंगे, बिल्कुल नही एडमिशन लेना चाहिए बल्कि कार्डिनल या चर्च के मुख्य ऑथोरिटी को स्कूल के मामलें को हल करना चाहिए.

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