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राज्यभर के विस्थापितों के समस्याओं का निराकरण करने हेतु सरकार कृत संकल्प है-रामेश्वर उरांव

रांची:एचईसी हटिया विस्थापित परिवार समिति के तत्वाधान में विस्थापितों के हक, अधिकार एवं पुनर्वास की मांग को लेकर पुराना विधानसभा मैदान, धुर्वा में आयोजित रैली में राज्य के वित्त मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, विद्यायक बंधु तिर्की मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित।
डॉ रामेश्वर इस रैली को संबोधित करते हुए कहा विधायक बंधु तिर्की हनुमान की तरह है जहां भी लोगों को समस्याएं होती है ये सबसे पहले पहुंच जाते हैं एचईसी विस्थापितों की समस्या को मैं बहुत ही करीब से जानता हूं उनकी दर्द से मैं भलीभांति वाकिफ हूं मैं जब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष था तब विस्थापितों के सभी 32 गांवों का भ्रमण कर रिपोर्ट तैयार किया गया है जिसे लागू करा कर इनकी समस्याओं को हल किया जा सकता है अभी जो झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है और निश्चित तौर पर एचईसी के विस्थापित ही नहीं अपितु राज्यभर के के विस्थापितों के समस्याओं का निराकरण करने हेतु कृत संकल्प है और आने वाले दिन में यह देखने को मिलेगा।

विधायक बंधु तिर्की ने अपने संबोधन में कहा लगातार मेरे द्वारा गांव-गांव घूमकर इन विस्थापितों की समस्या से रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ है आज भी कई विस्थापित गांव की महिलाएं बाहर में शौच करने को विवश है उन्हें किसी भी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं प्राप्त नहीं हुई है दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह गए हैं मेरे द्वारा विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया गया था 32 गांव के विस्थापितों को उनके जमीन के बदले 10 से 20 डिसमिल जमीन उन्हें दी गई थी परंतु आज भी उन्हें भूमि का पट्टा ना देने के कारण उनके बाल बच्चों का जाति आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं जिसके चलते वे नौकरी से लेकर अन्य सुविधाओं से महरूम रह जा रहे हैं सरकार को चाहिए जल्द से जल्द विस्थापित आयोग का गठन करें और इनका समस्याओं को जल्द से जल्द हल करें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने अपने वक्तव्य में कहा 40 सालों से मैं आप लोगों के बीच घूम घूम कर आपकी समस्याओं को बारीकी से जानने का मौका मिला है और मैं जब केंद्रीय मंत्री था सांसद था मैंने एड़ी चोटी का जोर लगाकर 2013 में आप लोगों के पक्ष में कानून बनवाने का काम किया था मुझे याद है यह जो नई विधानसभा बनी है उनका शिलान्यास के लिए केंद्रीय मंत्री की हैसियत से मुझे जाने का अवसर प्राप्त हुआ था और आप सभी विस्थापित वहां धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए थे मैं उस शिलान्यास कार्यक्रम में ना जाकर आप लोगों के साथ बैठ गया वर्तमान सरकार से उम्मीदें बहुत है और मुझे पूरा भरोसा है आप लोगों के साथ न्याय होगा।

खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने अपने वक्तव्य ने कहा कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में 2013 में विस्थापितों को ध्यान में रखकर कानून बनाया गया था परंतु 2014 में मोदी सरकार जैसे ही आए इसे इंप्लीमेंट ना करते हुए सर प्लस जमीन को भी बेचने का काम किया जा रहा है विस्थापितों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है विस्थापितों की लड़ाई को लेकर सदन से सड़क तक कांग्रेस पार्टी उनके साथ है।

इस अवसर पर जानी-मानी प्रखर नेत्री पूर्व महिला आयोग चेयरमैन वासवी किड़ो ने भी अपने विचार जोरदार ढंग से रखे, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी अपनी बातों को जोरदार ढंग से रखा।
इस अवसर पर सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पास किए गए।
1, विस्थापित आयोग का गठन किया जाय।
2, तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन,डॉ रामेश्वर उरांव द्वारा तैयार रिपोर्ट को लागू किया जाए।
3, भूमि अधिग्रहण कानून 2013(लारा)लागू करो।
इस अवसर पर मुख्य रूप से विस्थापित परिवार के राहुल उरांव, ऐनुल अंसारी, अजय कच्छप,आकाश तिर्की, बिनोद कच्छप,चिल्गु कच्छप,अजित उरांव, निकोलस एक्का,लछमी देवी, पार्वती कच्छप आदि।

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