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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा, रिम्स में हड़ताल से 28 लोगों की मौत मामले में क्या कार्रवाई हुई,जवाब दें

मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने पर कोई निर्णय लिया गया या नहीं:कोर्ट

रांची : रिम्स में 1 जून 2018 को एक मरीज की मौत के बाद परिजनों के बवाल को लेकर जूनियर डॉक्टर और नर्स की स्ट्राइक के दौरान 28 मरीजों की हुई मौत की कमेटी बनाकर जांच करने एवं इस घटना के रिस्पांसिबल लोगों के खिलाफ एक्शन लेने को लेकर *झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष शमीम अली* की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मौखिक कहा कि रिम्स जैसे अस्पताल में मरीजों का उपचार एसेंशियल सर्विस के अंदर आता है, ऐसे में चिकित्सकों एवं नर्स का स्ट्राइक नहीं होना चाहिए था.
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि 2 जून 2018 से कुछ दिनों तक रिम्स के जूनियर डॉक्टरों एवं नर्सों की चली हड़ताल के दौरान 28 लोगों की मौत हुई थी, मामले में क्या एक्शन लिया गया, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने, उनके पुनर्वास करने आदि पर कोई पहल हुई या नहीं. हड़ताल के जिम्मेदार जूनियर डॉक्टरों एवं नर्स पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं. कोटे ने इन सभी बातों पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 मार्च निर्धारित की. इससे पहले प्रार्थी की ओर से *सीनियर अधिवक्ता मुख्तार खान* ने कोर्ट को बताया कि 1 जून 2018 को एक पेशेंट का डेथ गलत ट्रीटमेंट की वजह से रिम्स में हो गया था. जिसके बाद मृतक के परिजनों ने प्रोटेस्ट किया था. जिसके बाद जूनियर डॉक्टर और मृतक के परिजनों के बीच झड़प हुई थी. जिसे लेकर रिम्स में 2 जून 2018 से जूनियर डॉक्टरों एवं नर्सों ने स्ट्राइक कर दिया था. स्ट्राइक के दौरान रिम्स में संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. इस दौरान करीब 35 मरीजों का ऑपरेशन टल गया था. 600 से ज्यादा मरीज रिम्स से बगैर इलाज के वापस लौट गए थे. इलाज के बिना 28 मरीजों की भी मौत भी हुई थी. मामले को लेकर कोतवाली थाना में जिम्मेदार जूनियर डॉक्टरों एवं नर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन जूनियर डॉक्टर एवं नर्स को नोटिस दिए जाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एक कमेटी बनाकर स्ट्राइक के दौरान 28 लोगों की मौत मामले में जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने का आग्रह कोर्ट से किया है.

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