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गुरूजी आर्शीवाद योजना से बेटियों के लिए सज रहे मंडप, पिता के कंधे से कम हो रहा भार

सतरंगी लाइट से बारातियों के स्वागत के लिए रोशन होते चक्रधरपुर के सुदूरवर्ती गांव

गरीब परिवारों के अरमानों को पूरा कर रही है योजना
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रांची:अनिता हेम्ब्रम (बदला हुआ नाम) की शादी तय हो गई। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से वह शादी की परिधान यानि लहंगा खरीदने में असर्मथ थी। दूसरी ओर, पेशे से श्रमिक अनिता के पिता शादी के लिए घर को रोशन करने में व्यय होने वाली राशि की जुगत में थे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था। ये सब कैसे होगा। अभी तो टेंट वालों को भी बड़ी राशि का भुगतान करना शेष है। लेकिन उनकी इन सभी परेशानियों को गुरूजी आर्शीवाद योजना द्वारा सुलझा लिया गया। बेटी को सुंदर लहंगा मिला, उसके लिए मंडप सजाया गया, लाईट, गीत संगीत की व्यवस्था हुई और आरामदायक सोफा और कुर्सी में बारातियों को बैठाया गया। वो भी बगैर कोई राशि व्यय किये। अनिता की ही तरह चक्रधरपुर की सैकड़ों बेटी को गुरूजी आर्शीवाद योजना का लाभ मिला।

क्या है गुरूजी आर्शीवाद योजना

गुरूजी आर्शीवाद योजना। चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव द्वारा शुरू की गई अपने आप में अनूठी योजना है। जिसके जरिये वैसे हर तरह के आयोजन के लिए मुफत लाईट, साउंड, बरतन उपलब्ध कराये जाते हैं जो इन सब के लिए व्यय करने में असर्मथ हैं। अगर लडकी की शादी है तो योजना के तहत लाईट, साउंड, बरतन के अतिरिक्त बेटी के लिए लहंगा, शादी के मंडप की सजावट और वरमाला की निःशुल्क व्यवस्था योजना के तहत की जाती है। योजना का लाभ लेने वाले परिवार या संस्था को बस अपना नाम और कार्यक्रम की तिथि दर्ज करानी होती है। तय समय पर सभी सुविधाएं उनके घर तक पहुंचा दी जाती है। बस इन सब के लिए कार्य करने वाले श्रमिकों को उनका पारिश्रमिक इन सुविधाओं को लेने वाले को देना होता है।

*आधुनिक तकनीक से लैस संसाधन*

शहरों के ही तर्ज पर यहां के लोगों को शादी में उपयोग होने वाले आधुनिक साउंड, सोफा, कुर्सियों और बर्तन उपलब्ध कराया जाता है. यहां के सुदूर क्षेत्र में अगर किसी बेटी की शादी होती है तो सात हजार वाट के साउंड सिस्टम पर डीजे बजते हैं और सतरंगी लाइट से बारातियों के स्वागत के लिए गांव रोशन होते हैं। इस तरह के एक साथ चार आयोजन करने की क्षमता योजना के तहत की गई है।

क्यों आवश्यकता पड़ी योजना की

इस संबंध में चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव कहते हैं कि हर माता-पिता का सपना होता है कि वे अपने बच्चों की शादी घूमधाम से करें। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उनका ये सपना पूरा नहीं हो पाता। मैंने क्षेत्र भ्रमण के क्रम में इस बात का अनुभव किया। यही वजह रही कि गुरूजी आर्शीवाद योजना शुरू की गई, ताकि गरीब-गुरबों के बच्चों की शादी में किसी तरह की कमी ना रहे। हर वर्ग के लोगों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। क्षेत्र की जनता के मांग के अनुरूप योजना के तहत सुविधाओं का विस्तार भी किया जायेगा।

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