![कड़ाके की पड़ रही है ठंड, हेमन्त सरकार को अलाव और कंबल की चिंता नहीं: दीपक प्रकाश](https://jharkhandnewsroom.com/wp-content/uploads/2021/12/Deepak-Prakash-e1638623910768.png)
हर घर नल से जल मामले में झारखंड नीचे से तीसरे स्थान व सरकारी विधायलयों, आंगनबाड़ी में जल आपूर्ति में सबसे निचले स्थान पर राज्य सभा में जल जीवन मिशन, विधायक, मंत्रियों के आवास निर्माण और इस्पात उत्पादन से संबंधित सवालों को दीपक प्रकाश ने उठाया
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड से संबंधित तीन ज्वलंत मुद्दे राज्यसभा में जोरदार तरीके से उठाया। जल शक्ति मंत्रालय से जल जीवन मिशन की झारखंड में स्थिति पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि झारखंड में 2019 से अब तक केवल 6.25 लाख (10.55%) ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। जबकि राज्य में केवल 9.70 लाख ( 16.4%) परिवारों को उनके घरों में नल से जल आपूर्ति की गई है। जल जीवन मिशन के शुभारंभ से ग्रामीण घरों में जल आपूर्ति की व्यवस्था करने की दृष्टि से झारखंड नीचे से तीसरे स्थान पर है जो छतीसगढ़ और राजस्थान से ठीक ऊपर है।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर तथा बच्चों के स्वास्थ्य एवं कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, 02 अक्टूबर, 2020 को एक विशेष अभियान का शुभारंभ किया गया था ताकि प्राथमिकता के आधार पर विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों तथा आश्रमशालाओं में पीने एवं मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने, शौचालयों में पाइपगत जल आपूर्ति के लिए नल जल आपूर्ति की व्यवस्था की जा सके। इस अभियान के परिणामस्वरूप, देश में 8.30 लाख ( 80.71%) विद्यालयों तथा 8.73 लाख (78.1%) आंगनवाड़ी केंद्रों में अब पीने योग्य नल जल आपूर्ति उपलब्ध हो गई है। तथापि, 14 महीनों के बाद, झारखंड सरकार केवल 7,466 (18%) विद्यालयों तथा 1,753 (4.5%) आंगनवाड़ी केंद्रों में ही नल जल आपूर्ति की व्यवस्था कर सकी है। प्रकार, झारखंड सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में निचले स्थान पर है।
झारखंड के लिए वर्ष 2021-22 में जेजेएम के तहत केंद्रीय निधि के आवंटन को भी वर्ष 2020 21 में 572.24 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,479.88 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
मेक इन इंडिया योजना के तहत झारखंड में इस्पात उत्पादन की स्थिति पर रास में सवाल
श्री प्रकाश ने राज्य सभा मे इस्पात मंत्रालय से संबंधित सवाल भी उठाया। उन्होंने पूछा कि झारखंड में इस्पात उद्योग स्थापित करने हेतु क्या क्या उपाय किये गए व मेक इन इंडिया योजना के तहत झारखंड में इस्पात उत्पादन की स्थिति क्या है। श्री प्रकाश के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि 2016-17, 2017-18, 2018-19 के तुलना में 2019-20, 2020-2021 में उत्पादन घटा है। चूंकि
इस्पात के एक नियंत्रणमुक्त क्षेत्र होने के कारण राज्य सरकार इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए समर्थकारी माहौल का सृजन करके एक सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करती है।
विधायकों के लिए आवास निर्माण पर राज्यसभा में उठाया सवाल
श्री प्रकाश ने शहरी कार्य मंत्रालय से संबंधित सवाल पर पूछा कि रांची स्मार्ट सिटी के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ कर आम जनों हेतु कौशल विकास केंद्र एवं सभागार के लिए आवंटित स्थान पर विधायक एवं मंत्रियों के आवास निर्माण किए जाने के विरोध में सरकार की क्या प्रतिक्रिया है एवं इस संबंध में क्या कदम उठाए जा रहे हैं? श्री प्रकाश के सवाल का जवाब देते हुए आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा किरांची स्मार्ट सिटी में कौशल पार्क के स्थान पर झारखंड राज्य के माननीय मंत्रियों के लिए 12 रिहायशी बंगले बनाने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी में ही कौशल विकास पार्क का निर्माण राज्य सरकार सुनिश्चित करे।