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राज्य सरकार ने ज्वलंत भावना से अप्रत्याशित वृद्धि कर आम लोगों पर डाला आर्थिक बोझ : डॉ. आशा लकड़ा

रांची: महापौर डाँ आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने जल कर में अप्रत्याशित वृद्धि कर आम लोगों पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ डाल दिया है। राज्य सरकार के इस अधिसूचना के विरोध में 17 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। महापौर ने राँचीवासियों समेत सभी सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों से इस जनांदोलन में शामिल होकर राज्य सरकार की जनविरोधी नीति का विरोध करने की अपील की है ।

राज्य सरकार ने जल कर की नई नीति में बीपीएल परिवार को भी राहत नहीं दिया है। बीपीएल परिवार को मात्र पांच हजार लीटर शुद्ध पेयजल ही निःशुल्क दिया गया है। पांच हजार लीटर से 50 हजार किलो लीटर तक बीपीएल परिवार को 9/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा। जहाँ एक ओर केंद्र सरकार बीपीएल परिवार को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार बीपीएल परिवार को भी जल कर के दायरे में लाकर उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा माँग रही है।
पूर्व में उपभोक्ताओं को 6/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से जल कर का भुगतान करना पड़ता था, जबकि वर्तमान में उपभोक्ताओं को 5 हजार से 50 हजार लीटर शुद्ध पेयजल के उपभोग के लिए डेढ़ गुना अर्थात 9/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा। और 50 हजार से अधिक जल का उपयोग करने पर लगभग दो गुणा अर्थात लगभग 11/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा। इसके अलावा उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क 500 /- रुपये की जगह 7,000 रुपये भुगतान करना होगा। इस प्रकार, राज्य सरकार ने वाटर कनेक्शन शुल्क में पूर्व की तुलना में 14 गुना वृद्धि कर दिया है, जो जनविरोधी नीति का प्रमाण है।

राज्य सरकार शहर वासियों को निःशुल्क वाटर कनेक्शन के नाम पर गुमराह कर रही है। राज्य सरकार ने सिर्फ उन क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन निःशुल्क किया है, जहां नए सिरे से पाइपलाइन बिछाए जा रहे हैं। राज्य सरकार की नई अधिसूचना के तहत जिन क्षेत्रों में पुराने पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही है, उन क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए भवनों के अलग-अलग प्रकार के तहत 7,000 से लेकर 42,000 रुपये तक का भुगतान करना होगा। और व्यावसायिक एवं औद्योगितक उपभोक्ताओं को 26/- स्क्वायर फीट के तहत भुगतान करना होगा।

राज्य सरकार की इस नई अधिसूचना को गैर कानूनी तरीके से लागू किया गया है। पूर्व में राँची नगर निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए नगर आयुक्त से विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। परंतु उन्होंने जानकारी दिए बिना ही निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया, जिसका सभी पार्षदों ने विरोध किया। इसके बाद नगर आयुक्त ने स्वतः राज्य सरकार के इस अधिसूचना को बैक डेट से लागू कर दिया।
इससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने जल कर में वृद्धि कर राजकोष को भरने की तैयारी की है। राज्य सरकार को जनहित की कोई चिंता नहीं है।

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