नमस्कार! हमारे न्यूज वेबसाइट झारखंड न्यूजरूम में आपका स्वागत है, खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करें +91 6204144174. हमारे यूटूब चैनल को सब्सक्राइब करें, फेसबुक, ट्विटर को लाइक और फॉलो/शेयर जरूर करें।
Headlineझारखंडरांची

आदिवासियों के हितों के साथ किसी भी हाल में कोई समझौता नहीं : आलमगीर आलम

रांची:राजधानी के बनहोरा में करम पर्व सांस्कृतिक संध्या के अवसर पर अपनी सांस्कृतिक पहचान को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने का बंधु तिर्की का आह्वान

रांची 21 सितम्बर. मंत्री एवं झारखण्ड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा है कि सरकार जनजातीय समुदाय के हितों के साथ कोई भी समझौता नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय एवं मूलवासियों की अनेक वैसी समस्याएं हैं जिसका समाधान बहुत पहले हो जाना चाहिये था लेकिन अफसोस की बात है कि झारखण्ड गठन के लगभग 23 साल बाद भी आज संतोषजनक स्थिति नहीं है.
करम पर्व की संध्या आज शाम राजधानी के बनहोरा में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में श्री आलम ने कहा कि केन्द्र सरकार के असहयोग के कारण राज्य सरकार को अनेक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन हेमन्त सरकार न तो टूटेगी न ही झुकेगी.
इस अवसर पर अपने संबोधन में झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि जमीन एवं प्रकृति के साथ जुड़ी हमारी सभ्यता संस्कृति ही झारखण्ड की वैसी पहचान है जो यहाँ के जनजातीय समुदाय को पूरी दुनिया में अलग रूप-स्वरूप प्रदान करती है. श्री ठाकुर ने कहा कि महिला आरक्षण के प्रति कांग्रेस का समर्पण शुरू से ही जगजाहिर है और आज स्थिति ने वैसा मोड़ लिया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को को कांग्रेस के दबाव के आगे झुकना पड़ा और लोकसभा एवं विधानसभा में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण के लिये विधेयक पारित करना पड़ा.
इस अवसर पर अपने संबोधन में पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के साथ आदिवासियों का जुड़ाव अचूक है और वे किसी भी हालत में अपनी जड़ से अलग होनेवाले नहीं हैं. उन्होंने जनजातीय समुदाय एवं मूलवासियों से भी बदलते समय, आधुनिक तकनीक के बाद भी सामंजस्य बिठाने और किसी भी हाल में अपनी मिट्टी, पहचान और जड़ से जुड़े रहने को कहा.
इस अवसर पर बोलते हुए मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आदिवासियों का समर्पण न केवल अपने जल, जंगल और ज़मीन के प्रति है बल्कि वे अपने देश, अपनी संस्कृति, अपने समाज आदि से भी उतनी ही गहराई से जुड़े हैं. श्रीमती तिर्की ने कहा कि आदिवासी संस्कृति, परंपरा, पहचान एवं सम्मान में बनहोरा के समर्पण का गौरवपूर्व इतिहास रहा है.
आज शाम आदिवासी संस्कृति के गौरव से भरे इस कार्यक्रम में विविध खोड़ा समूह, बनहोरा बड़का टोली, महिला टीम, पंडरा खोड़हा टीम, कमड़े खोड़हा टीम, महिला संघ एवं काथलिक सभा, संत फ्रांसिस चर्च, बनहोरा,
बनहोरा बानू टोली, बनहोरा फागु टोली, दहिसोत नीचे टोली, बनहोरा दुलहुट्टू महिला खोढहा, नेमहा नगर, दहिसोत ऊपर टोली, दहिसोत नीचे टोली आदि ने अपना रंगारंग सांस्कृतिक प्रदर्शन किया.
इस अवसर पर समारोह में विपणन बोर्ड के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह, अल्बिन लकड़ा,शिवा कच्छप,मुंतजिर खान,संजय तिर्की, सुनील टोप्पो, नीलम तिर्की, पुष्पा टोप्पो, महरु उरांव, गुड्डू उरांव,शुका उरांव, सुनील तिर्की, राजेश लिंडा, ललित उरांव आदि विशेष रूप से उपस्थित थे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button