धनबाद के डायमंड क्रासिंग के पास बेपटरी हुई ट्रेन
यार्ड में खड़े कोच को जंजीरों से बांधकर रखा जाता है या फिर पहिए के नीचे स्किट लगाए जाते हैं। इससे ढलान वाली जगहों पर कोच के लुढ़कने जैसी घटनाएं नहीं होती। धनबाद में हुई घटना में यह पाया गया है कि लापरवाही बरती गई है।
धनबाद रेल मंडल के कोचिंग डिपो में गुरुवार सुबह करीब पांच बजे एक अजीब घटना हुई। डिपो में खड़ी ट्रेन बिना इंजन के ही सरपट दौड़ गई। घटना की जानकारी मिलते ही रेल महकमे में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही देर में रेलवे के कंट्रोल रूम से लेकर अफसरों के फोन बजने लगे। कोचिंग डिपो में एलएचबी के छह डब्बे खड़े थे जो लुढ़क गए। लगभग एक किलोमीटर आगे चले गए और दो डब्बे पटरी से उतर गए। मामले की जांच के लिए इंक्वायरी कमेटी बन गई है। जांच के बाद लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डिपो मं जंजीरों से बांध कर रखे जाते कोच
धनबाद रेलवे स्टेशन के नजदीक गुरुवार सुबह हुई दुर्घटना के मामले को लेकर यह बताया गया है कि यार्ड में खड़े कोच को जंजीरों से बांधकर रखा जाता है या फिर पहिए के नीचे स्किट लगाए जाते हैं। इससे ढलान वाली जगहों पर कोच के लुढ़कने जैसी घटनाएं नहीं होती हैं। मगर गुरुवार की सुबह हुई घटना में यह पाया गया है कि इसमें लापरवाही बरती गई है। सेफ्टी की अनदेखी की वजह से यार्ड में खड़े कोच लुढ़क कर करीब किलोमीटर दूर निकल गए।
दिन में दुर्घटना होने पर हो सकती थी जानमाल की हानि
घटना काफी सुबह हुई। इस वजह से कोई दुर्घटना नहीं हुई। अगर सुबह सात बजे के बाद और रात 8 बजे के बीच घटना हुई होती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी, क्योंकि उस वक्त पुराना बाजार वाले रेल लाइन पर काफी भीड़भाड़ रहती है।
ट्रेन परिचालन पर असर नहीं
पटरी से उतरे दोनों डब्बे को वापस पटरी पर लाने के लिए दुर्घटना राहत यान और क्रेन पहुंच गया है। दोनों डिब्बों को वापस पटरी पर लाने में दिनभर का समय लग सकता है। मुख्य रेलमार्ग पर घटना नहीं होने की वजह से ट्रेनों के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है।