हजारीबाग: हजारीबाग सेंट्रल जेल के डिटेंशन सेंटर में करीब एक साल से रह रहे दो विदेशी आज सुबह करीब 4:00 बजे फरार हो गए। इसकी सूचना जेल अधीक्षक को करीब 2:00 बजे दिन में मिली। इसके बाद इसकी समीक्षा की जा रही है कि वह कैसे फरार हुआ। इसकी पुष्टि जेल अधीक्षक चंद्र शेखर ने की है। बताया गया कि म्यांमार रोहनिया का रहने वाले तीन घुसपैठिए के रूप में बांग्लादेश पहुंचे। वहां से वह इंडिया चला आया। साहिबगंज में बिना टिकट यात्रा करते रेलवे स्टेशन पर तीनों पकड़े गए। पूछताछ के दौरान पता चला कि उनके पास किसी प्रकार की कोई आइडेंटिटी नहीं थी, और ना ही उसके पास वीजा पासपोर्ट था। इसके कारण उसे साहेबगंज जेल में भेज दिया गया।
माता-पिता कोलकाता के रिफ्यूजी कैंप में रहते हैं
अदालत में मामला चलने के बाद साढ़े तीन साल की सजा दी गई। सजा के दौरान उसे दुमका जेल भेज दिया गया। जेल में सजा काटने के बाद जब उसे कानूनन जेल में रखना मुनासिब नहीं समझा गया, तो कुछ दिनों तक उसे दुमका गेस्ट हाउस में रखा गया। बाद में वहां से हजारीबाग सेंट्रल जेल में संचालित डिटेंशन सेंटर में रख दिया गया। यहां वह हमेशा रोता रहता था। बताया कि उसके माता-पिता कोलकाता के रिफ्यूजी कैंप में रहते हैं। इस संबंध में जेल अधीक्षक ने बताया कि तीन में एक की आईडेंटिटी मिलने के बाद फूल माला पहनाकर बाइज्जत उसे कोलकाता भेज दिया गया था। इन दोनों के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था। इसके लिए कोलकाता में संचालित इंवैसी भी उन्होंने लिखा था, बावजूद इसके उन्हें जानकारी नहीं मिल सकी। सुबह उन्हें 2:00 बजे सूचना दी गई कि वह दोनों डिटेंशन सेंटर से फरार हो गया है। इसकी समीक्षा हम लोग कर रहे हैं। मजे की बात तो यह है की जिले के एसपी से जब इस संबंध में जानकारी मांगने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन भी पिक नहीं किया। लगता है इस घटना से वे काफी विचलित हो गए हैं या इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है |