![झारखंड में कोरोना के 7 मिले खतरनाक वेरिएंट, सबसे अधिक डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण](https://jharkhandnewsroom.com/wp-content/uploads/2021/06/13-13.jpg)
रांची : झारखंड में कोरोना वायरस के दूसरी लहर के बाद तीसरी का खतरा मंडराने लगा है. देशभर में कोरोना के बाद ब्लैक और व्हाइट फंगस से खतरा टला भी नहीं की कोरोना के नए वेरिएंट डराने लगे है. झारखंड में सोमवार को कोरोना के 7 नए वेरिएंट मिले है. ये वेरिएंट खतरनाक माने जाते हैं. इन्हें वेरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) कहा गया है. झारखंड में सबसे अधिक डेल्टा वेरिएंट पाये गये हैं. हालांकि राज्य में जो वेरिएंट मिले हैं, उनमें कप्पा, अल्फा और अन्य वेरिएंट हैं. झारखंड सरकार द्वारा पांच जिलों के कोरोना संक्रमितों के सैंपल के जीनोम सिक्वेसिंग से इसका खुलासा हुआ है.
सरकार द्वारा अप्रैल से लेकर नौ जून तक के 364 सैंपल
जीनोम सिक्वेसिंग के लिए आइएलएस लैब भुवनेश्वर भेजे गये थे. ये सैंपल रांची, जमशेदपुर, पलामू, हजारीबाग, धनबाद शहरों के हैं. भुवनेश्वर में कराये गये जीनोम सिक्वेसिंग में 328 में वायरस के वेरिएंट पाये गये. इनमें अलग-अलग प्रकार के वेरिएंट हैं. स्वास्थ्य विभाग के आइसी के नोडल पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि पांच जिलों से 364 में 328 सैंपल में वैरिएंट ऑफ कंसर्न म्यूटेंट पाया गया है. ये ज्यादा खतरनाक होता है. इस म्यूटेंट से लोगों की मौत ज्यादा होती है. साथ ही फेफड़ों में संक्रमण और ऑक्सीजन के लेवल में भी कमी आती है.
डब्ल्यूएचओ ने वायरस का नामकरण किया
कोरोना वायरस लगातार अपना स्ट्रेन बदलता रहता है. एनएफ. इस कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन का नामकरण किया है, जिसे अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, एपसिलोन, जीटा, इटा, थीटा, आओटा व कप्पा नाम दिया गया है. पूर्व में जिस देश में पहला मामला आया था, उस देश के नाम से इस वायरस को जाना जाता था.
बाद में विश्व के कई देशों ने इस पर एतराज जताया. भारत ने भी एतराज जताया था. वजह है कि कोरोना संक्रमण उनके देश से नहीं बल्कि अन्य देश से फैला है. जिसके कारण डब्ल्यूएचओ ने स्ट्रेन का नामकरण उनके कोड के हिसाब से कर दिया. वहीं अब इसी नाम से वायरस को जाना जायेगा, न कि किसी देश में पहला मामला आया उस देश के नाम से.