रांची: झारखंड हेमंत सोरेन सरकार से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के लिए रांची के सोशल एक्टिविस्ट नवाब चिश्ती ने कहा कि 2016 से लेकर 2021 तक झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना कभी रुकी नहीं झारखंड को मॉब लिंचिंग का अड्डा भी बताया गया यूपी बंगाल समेत अन्य राज्यों में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कड़ा कानून लागू कर दिए गए हैं लेकिन झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां पर मॉब लिंचिंग करने वाले आरोपियों को जमानत भी मिल जाती है और मॉब लिंचिंग करने वाले को सम्मानित भी किया गया था झारखंड को बदनाम की कोशिश की गई और मॉब लिंचिंग के शिकार परिजन को इंसाफ के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है मौजूदा गठबंधन सरकार उसे सरकारी मुआवजा देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पहल करें!हम सभी झारखंड वासी को भीड़ द्वारा मॉब लिंचिंग का शिकार होने से बचाना है तो माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से अपील है कि झारखंड के अल्पसंख्यकों दलितों आदिवासियों के हित में मॉब लिंचिंग पर कानून विधानसभा में पारित कर देना चाहिए!