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तुष्टिकरण राजनीति के खिलाफ भाजपा ने प्रदेश के सभी जिलों दिया धरना
रांची:हेमन्त सरकार द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के सभी 27 सांगठनिक जिलों में व रांची के सभी मंडलों में धरना दिया। पूरे प्रदेश में हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश संथालपरगना के सात दिवसीय सांगठनिक प्रवास में है।इस क्रम में
प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश दुमका ज़िला भाजपा द्वारा आयोजित धरना कार्यक्रम को संबोधित किया।
श्री प्रकाश ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी आदेश को काला आदेश करार देते हुए कहा कि संविधान की शपथ लेने वाले विस् अध्यक्ष ने नैतिकता खो दिया है। एक विशेष सम्प्रदाय को खुश करने के लिए इबादत की छूट तुष्टिकरण की राजनीति को इंगित करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सर्व धर्म सम्भाव पर विश्वास रखती है किंतु तुष्टिकरण की राजनीति भाजपा कभी बर्दास्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि विस् भवन में मंदिर, सरना स्थल व अन्य धर्मों के लिए भी स्थल दिया जाए। साथ ही उन्होंने नियोजन नीति को भी तुष्टिकरण करार देते हुए कहा कि हेमन्त सरकार ने हिंदी, संस्कृत को हटाकर उर्दू को जोड़ रखा है। यह तुष्टीकरण की राजनीति का द्योतक है।इधर रांची ग्रामीण जिलान्तर्गत बुढ़मू मंडल के धरना कार्यक्रम में प्रदेश संगठन महामंत्री श्री धर्मपाल सिंह एवम प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू शामिल हुए।धरना को संबोधित करते हुए *संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह* ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर संघर्ष कर रही है। पार्टी के सभी इकाइयों ने पूरे झारखंड अलोकतांत्रिक निर्णय के खिलाफ आंदोलन फूंक दिया है। सदन में विधायक और सदन के बाहर पार्टी कार्यकर्ता सरकार के तुष्टिकरण का विरोध कर रहेहै।कहा कि भाजपा कार्यकर्ता अब तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति को बर्दाश्त नही करेंगे। भाजपा जोड़ने में विश्वास रखती है तोड़ने में नही। हमारा संकल्प सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास है।वहीं धरना को संबोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि हेमंत सरकार राज्य में तुष्टिकरण की पराकाष्ठा कर रही है। विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है, लोकतंत्र का मंदिर है जिसे हेमंत सरकार तुष्टिकरण का केंद्र बना रही। राज्य सरकार के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सचिवालय में नमाज पढ़ने हेतु कमरे को आवंटित किया है। यह पूरी तरह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक निर्णय है। इसे यथाशिघ्र वापस ले अन्यथा सभी धर्मों के लिए स्थान आवंटित करे।