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हेहल स्थित बालाश्रय में नाबालिग के साथ गार्ड ने किया था कुकर्म, घटना के बाद दूसरी जगह शिफ्ट किए गए सभी 25 बच्चे, हुआ सील मामला उजागर होने के बाद 9 अक्टूबर को पंडरा ओपी में दर्ज हुई थी प्राथमिकी, आरोपी सुरक्षा प्रहरी शंभू प्रसाद लोहरा को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
रांची:आईटीआई हेहल के समीप झारखंड महिला समाख्या सोसाइटी रांची द्वारा संचालित बालाश्रय को उपायुक्त के निर्देश पर मंगलवार को सील कर दिया गया। इससे पहले वहां रहने वाले 25 बच्चों को चुटिया निवारणपुर स्थित आदिम जाति सेवा मंडल द्वारा संचालित निराश्रय बच्चों के गृह में शिफ्ट किया गया। पूरी कार्रवाई बाल कल्याण समिति रांची व पुलिस की उपस्थिति में हुई। उल्लेखनीय हो कि 9 अक्टूबर को बालाश्रय में रहने वाले नाबालिग के कुकर्म करने की घटना सामने आई थी। जिसमें यह बात सामने आई थी बच्चों का रक्षक वहां का सुरक्षा प्रहरी शंभू प्रसाद लोहरा ही उनके साथ कुकर्म करता था। जिसकी शिकायत बच्चों ने बालाश्रय की अधीक्षक डॉ स्मिता गुप्ता से की थी। जिसकी जांच की गई तो मामला सही पाया गया। इसके बाद पंडरा ओपी में अधीक्षक द्वारा आरोपी सुरक्षा प्रहरी शंभू प्रसाद लोहरा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके अगले दिन उसे जेल भेज दिया गया था।
बालाश्रय से बच्चो को हटाने का अवर सचिव ने जारी किया था आदेश
बालाश्रय में हुई घटना के बाद महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अवर सचिव ने 20 अक्टूबर को आदेश जारी किया था कि वहां से बच्चों को तत्काल प्रभाव से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट करते हुए उनके बिस्तर व भोजन आदि की भी व्यवस्था कराने का निर्देश जारी किया गया था। जिसके बाद 26 अक्टूबर को उन्हें उपायुक्त के निर्देश पर निवारणपुर स्थित आदिम जन जाति सेवा मंडल द्वारा संचालित बाल गृह में शिफ्ट किया गया।
बालाश्रय से कर्मचारियों को भी सामान के साथ निकाला गया
बालाश्रय में कुल 14 कर्मचारी काम करते थे। जिसमें 6 कर्मचारी वहां रहते थे। सील होने के बाद सभी कर्मचारियों को भी सामान के साथ बाहर निकाल दिया गया। इधर बालाश्रय से चुटिया निवारणपुर में शिफ्ट हुए बच्चों की मंगलवार को पहले काउंसलिंग हुई। बच्चों के नाम व पता की जानकारी ली गई। एक बच्चे के सिर में चोट थी। उसके सिर में कई स्टिच लगाए गए थे। जिसके बारे में पता लगाया जा रहा है कि उसे कैसे चोट लगी। निवारणपुर स्थित बाल गृह में पहले से 35 बच्चे है। 25 नए बच्चों के आने से वहां के कर्मचारियों की जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है।