अफीम ले कर खादगढ़ा बस स्टैंड निकला था बनारस बस से पहुंचाने,
लोअर बाजार पुलिस ने बिरसा मुंडा बस स्टैंड पर पकड़ा पहली बार रांची पुलिस ने अफीम की इतनी बड़ी अफीम का खेप शहर में पकड़ा,खूंटी के नाबालिग को 17000 हजार रुपए देकर उसके नाबालिग दोस्त ने ही भेजा था बनारस पहुंचाने के लिए रांची:अफीम की खेती कई क्षेत्रों में पीएलएफआई उग्रवादी करा रहे है। पुलिस से बचने के लिए उग्रवादियों ने महिलाओं को भी फसल लगाने व बचाने के काम में लगाया है। अब अफीम की खेप दूसरे राज्यों तक पहुंचाने और पुलिस से बचने के लिए अफीम विक्रेता नाबालिगों को भी इस धंधे में शामिल कर लिए है। इसका खुलासा रांची पुलिस ने किया है। वहीं पहली बार पांच किलो अफीम के साथ शहर में रांची पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा है। पकड़े गए पांच किलो अफीम की बाजार कीमत करीब 15 लाख रुपए है। पकड़े गए अफीम को बनारस तस्करों तक पहुंचाना था। इसके लिए नाबालिग को बस से पहुंचाने के लिए 17 हजार रुपए दिए गए थे। अफीम की खेप पहुंचाने के बाद और 3500 रुपए नाबालिग को देने के लिए तस्करों ने वादा किया था। इस संबंध में लोअर बाजार थाना में नाबालिग सहित तीन के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ है। नाबालिग के अलावे जिन दो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें एक और खूंटी तोरपा का ही रहने वाला नाबालिग और एक लोअर बाजार थाना क्षेत्र का रहने वाला बुधराम हंसा पूर्ति शामिल है। जिनकी तलाश लोअर बाजार पुलिस कर रही है।31 जुलाई की शाम सात बजे बिरसा मुंडा बस स्टैंड पर दो बैग में अफीम लेकर पहुंचा था नाबालिग 31 जुलाई को रांची पुलिस को सूचना मिली थी कि एक 15 साल का युवक जो गुलाबी रंग की टी शर्ट और नीले रंग का जिंस पहने हुए है अपने पीठ पर एक काले रंग का बैग और एक गुलाबी रंग का हैंडबैग अपने हाथ में लिए खड़ा है। इस सूचना पर सिटी डीएसपी दीपक कुमार, अंचलाधिकारी और लोअर बाजार थाना प्रभारी संजय कुमार खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंचे। बस स्टैंड पर पहुंच अंचलाधिकारी ने उक्त नाबालिग युवक से पूछताछ शुरू की। जब नाबालिग को बोला गया कि उसके बैग में नशीला पदार्थ है तो पहले उसने इनकार किया। लेकिन जब उसकी तलाशी ली गई तो उसमें से नशीला पदार्थ अफीम निकला। अफीम को प्लास्टिक में अच्छे से पैक कर बैग में रखा गया था। जिसका वजन पांच किलो निकला।पूछताछ में नाबालिग ने बताया स्कूल के दोस्त ने दिए थे दो बैग में भरकर अफीम जब दंडाधिकारी ने उक्त नाबालिग से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके स्कूल के दोस्त ने ही उसे दोनों अफीम से भरा हुआ बैग दिया था। अफीम को बनारस बस स्टैंड में बुधराम हंसा पूर्ति को पहुंचाना था। उसका मोबाइल नंबर भी नाबालिग को दिया गया था। पकड़े गए नाबालिग को उसके स्कूल के नाबालिग दोस्त ने 17 हजार रुपए दिए थे। उसने कहा था कि बाकी के 3500 रुपए जब वह बनारस में अफीम बुधराम को सौंप देगा तो वह उसे वहीं देगा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है कि इसके अफीम के पीछे कौन लोग शामिल है। मामले की जांच के लिए आईओ दारोगा जितेंद्र सिंह बिष्ट को बनाया गया है।