रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ,लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री सीपी सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि महिलाओं को इस्तेमाल की वस्तु समझने वाली भाजपा भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को भी घृणित चश्मे से देखने से बाज नहीं आते हैं।
उन्होंने कहा मुद्दा विहीन राजनीति करने वाली भाजपा का राजनीतिक पतन हो चुका है। हमें बीजेपी से महिलाओं को आदर करने की सीख लेने की जरूरत नहीं है,भाजपा को आदर अगर सिखाना है तो भाजपा के महानगर के उपाध्यक्ष एवं सांसद संजय सेठ के पीए संजीव साहू जो महिला उत्पीड़न में जेल गए हुए हैं उन्हें सिखाना चाहिए,भाजपा को अपने विधायक ढुल्लू महतो को विवेकशील बनाना चाहिए,एक और विधायक जो जनता की अदालत में दुष्कर्म और हत्या के आरोपी हैं उन्हें भाजपा को सदबुद्धि प्रदान करनी चाहिए,पूर्व सांसद गिरीडीह के खिलाफ कतरास थाने में महिला उत्पीड़न के केस दर्ज हैं उन्हें नैतिकता की पाठ पढ़ाई जानी चाहिए।रघुवर दास जी के कार्यकाल में महिला अपमान और उत्पीड़न के हजारों उदाहरण पड़े हुए हैं जिसे जनता अच्छी तरह से जानती है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने कहा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में वैचारिक मतभेद को लेकर विरोध करने की स्वतंत्रता सबको है लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि सैद्धांतिक एवं राजनीतिक विरोध की एक सीमा निर्धारित हो,झारखंड के अंदर सैद्धांतिक विरोध को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के लोग प्रतीकात्मक तरीके से निर्धारित स्थलों पर विरोध प्रदर्शन की पुरानी व्यवस्था और परंपरा रही है, लेकिन एक राजनीतिक दल द्वारा दूसरे राजनीतिक दल के कार्यालय में जाकर प्रदर्शन की परंपरा कभी नहीं रही है, माननीय विधायक सीपी सिंह जी को आरोप लगाने के पहले यह बताना चाहिए कि उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के जानकारी दिये कांग्रेस कार्यालय में विरोध के लिए क्यों महिलाओं को कांग्रेस कार्यालय भेजने का काम किया है,सच तो यह है कि महिलाओं को सामने लाकर भाजपा अपनी कुत्सित मानसिकता का परिचय दे रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दूबे,किशोर शाहदेव एवं राजेश गुप्ता ने कहा कांग्रेस कार्यालय में प्रदर्शन करने आए भाजपा महिला नेताओं को हमने सम्मान पूर्वक आदर दिया, फूल दिया चाय और बिस्किट के लिए आमंत्रित किया,हमारे कार्यकर्ताओं ने उनकी गालियाँ और मुर्दाबाद सुनकर भी अपने आपको संयमित रखा और अगर हमारे कार्यकर्ता धैर्य खो देते तो स्थितियां कुछ और होती,हमारा आदर और सम्मान इन्हें नागवार गुजरा, जिस विध्वंस और फसाद के उद्देश्य से भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं को कांग्रेस कार्यालय का रुख किया था उसमें उन्हें असफलता हाथ लगी और इस असफलता से भाजपा बेचैन और आग बबूला हो गई है।
बढ़ती महंगाई, कृषि काले कानून, बेरोजगारी,गिरती अर्थव्यवस्था से ध्यान भटकाने की एक नई राजनीतिक परिपाटी की शुरुआत भाजपा ने की है जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।