नमस्कार! हमारे न्यूज वेबसाइट झारखंड न्यूजरूम में आपका स्वागत है, खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करें +91 6204144174. हमारे यूटूब चैनल को सब्सक्राइब करें, फेसबुक, ट्विटर को लाइक और फॉलो/शेयर जरूर करें।
झारखंडरांचीराजनीति

जातीय-जनगणना एवं स्थानीय नीति देश एवं राज्यहित में आवश्यक:आदिवासी संगठन

रांची:झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा एवं आदिवासी छात्र संघ केन्द्रीय समिति के पहल पर विभिन्न आदिवासी एवं मूलवासी समाजिक संगठनों का संयुक्त स्वरूप में विशेष बैठक प्रेस क्लब रांची में सम्मपन हुआ।जिसमें जातीय जनगणना एवं स्थानीय नीति पर चर्चा हुई।विशेष बैठक की अध्यक्षता डां करमा उरांव ने कि और विषयवस्तु को विस्तार से रखा, वही संचालन अंतु तिर्की ने की एवं प्रतिनिधियों का स्वागत सुशील उरांव द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन बलकू उरांव ने की।बैठक में मुख्य रूप झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा, आदिवासी छात्र संघ, कुडमी/ कुरमी विकास मोर्चा, आदिवासी बुद्धिजीवी मंच,आॅल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन (आमया), आदिवासी जन परिषद, आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच, झारखंड आंदोलनकारी संघर्स मोर्चा, भारत मुंडा समाज, झारखंड छात्र संघ, सरना समिति जोगो पहाड़,आदिवासी लोहरा समाज, केन्द्रीय सरना समिति, रामगढ़ विस्थापित मोर्चा आदि संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए,उस बैठक को सर्वश्री प्रेम शाही मुण्डा, पीसी मुर्मू, शीतल ओहदार, एस अली, अबरार अहमद, राजू महतो, सुनील सिंह, फादर महेन्द्र पीटर तिग्गा, पुष्कर महतो, शिवा कच्छप, डां जलेश्वर भगत, डां मुजफ्फर हुसैन, सरजन हांसद, भुनेशवर लोहरा, एल एम उरांव, रामपोदो महतो, नदीम खान, अजय सिंह, प्रवीण देवघरिया, राजकुमार नागवंशी, नूतन पाहान, रूप लक्ष्मी मुण्डा, रवि पीटर, प्रभाकर कुजूर, अभय भूंटकुवर आदि ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जातीय-जनगणना एवं स्थानीय नीति देश एवं राज्यहित में आवश्यक है राज्य और केन्द्र सरकार दोनों मुद्दों पर समेकित विचार करे।

बैठक का निर्णय-
(1) जातीय जनगणना के संदर्भ में झारखंड सरकार राज्य के आवाम की जनभावन के अनुरूप आगामी जनगणना में शामिल करने का अनुशंसा केन्द्र सरकार को करे।

(2) राज्य के बने हुए 21वर्ष होने को है लेकिन दुर्भाग्य है कि अबतक झारखंड की मूल-निवासियों के भावना एवं जन आकांक्षा के अनुरूप जो झारखंड आंदोलन के दौरान परिलक्षित हुआ है उस अनुसार स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति अविलंब पारिभाषित नही हुई है जो झारखंडियो के लिए दुर्भाग्य है,
राज्य सरकार अविलंब स्थानीय नीति परिभाषित करे ताकि मूल-निवासियों को उनके हक अधिकार के अनुरूप रोजगार, व्यवसाय, सरकारी सेवा में भागीदारी हो सके और झारखंड को बाहरी चरागाह से रोको जा सके।
स्थानीय नीति के अभाव में राज्य में सभी सम्वर्गीय पदों में न्युक्ति बाधित हुई है वही लाखों युवक-युवतियां न्युक्ति के आस में पड़े है।
(3) राज्य सरकार से अनुरोध किया गया कि आगामी एक माह में दोनों मामलों पर समुचित कदम और निर्णय ले अन्यथा राज्य में सशक्त आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।

(4) उक्त मामलों को लेकर आगामी 11 सितम्बर 2021 को 11 बजे प्रेस क्लब रांची में “झारखंड बोलेगा” कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें भावी रणनीति तय किया जाएगा।

(5) उपरोक्त मामलों पर राज्य सरकार एवं राज्यपाल को स्मार पत्र एक सप्ताह के अंदर दी जाएगी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button