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वैक्सीन लगवाने के बाद अगर आपको बुखार आ जाए तो ये अच्छे संकेत हैं: डॉ चंद्रभूषण

कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद कुछ लोगों को बुखार, मिचली व बदन दर्द की शिकायतआई है। डॉ चंद्रभूषण का कहना है कि बुखार आने का मतलब शरीर में एंटीबाडी बन रही है और यह वैक्सीन के प्रभावकारी होने का संकेत है। जब शरीर में किसी वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र बनने लगता है तो इस तरह के लक्षण नजर आते हैं, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। ज्यादातर मामलों में कोई भी वैक्सीन लगने पर यह होता है।

वैक्सीन लगने पर हमारे शरीर में एंटीबाडी बनने लगती। एंटीबाडी बनने की प्रक्रिया में बुखार व बदन दर्द के लक्षण आते हैं। ये अच्छे लक्षण हैं, इसका मतलब है कि वैक्सीन ठीक काम कर रही है।

जाने covid-19 वैक्सीन से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण बातें!

1) कोविड-19 वैक्सीन का असर कब तक रहता है?

इस बारे में हमे अभी तक कुछ पता नहीं है। अभी तक की जानकारी के हिसाब से कोविड-19 वैक्सीन का प्रभाव कई महीनों या उससे ज्यादा तक रहता है। वहीं संक्रमण से लड़ने के लिए इम्यूनिटी वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने से दो सप्ताह के भीतर बन जाती है। दूसरी डोज आपके इम्मयून रिस्पॉन्स को बढ़ाकर नई एंटी बॉडीज का निर्माण करती है और आपको सुरक्षा प्रदान करती है।

2)वैक्सीन लेने के बाद शराब पीने से क्यों बचना चाहिए?

वैक्सीन लगवा चुके लोगों को वैक्सीन लगवाने की तारीख से 45 दिनों तक शराब न पीने की सलाह दी जाती है। शराब को वैक्सीन के इम्मयून पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। शराब पीने से इंपेयर्ड लिवर फंक्शन और कम इम्यूनिटी के नतीजे सामने आ सकते हैं।
इसलिए वैक्सीन करवाने वाले लोगों के लिए वैक्सीन लगवाने से एक दिन पहले और वैक्सीन लगवाने वाले दिन से 45 दिनों तक शराब से दूरी जरूरी है,क्योंकि शराब का सेवन इम्यूनिटी पर विपरीत असर डालता है।

3)क्या कोविड वैक्सीन उन लोगों को लगाई जा सकती है जिन्होंने कोविड-19 के उपचार के दौरान प्लाज्मा थेरेपी ली थी?

हां! प्लाज्मा थेरेपी प्राप्त कर चुके रोगियों को वैक्सीन से कोई समस्या नहीं है। बस एक बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि प्लाज्मा थेरेपी और वैक्सीन लगवाने की बीच कम से कम 90 दिनों का अंतर हो। हम सबको पता है कि कोरोना वायरस कितना खतरनाक है और ये किस तरह आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है।

कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली मोनोक्लोनल और कोनवेलेसेंट प्लाज्मा से बनने वाली एंटीबॉडीज जो के आधार पर ऐसा पाया गया है कि प्लाज्मा थेरेपी प्राप्त कर चुके मरीजों के लिए कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।

4)क्या इम्यूनो–सप्रेसेंट ड्रग का सेवन करने वाले रोगी भी वैक्सीनेशन करवा सकते हैं?

अगर वैक्सीन में मौजूद किसी भी सामग्री से रोगी को एलर्जी नहीं है और इस तरह के वैक्सीनेशन के बाद अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है, तो इम्यूनो–सप्रेसेंट ड्रग का सेवन करने वाले रोगी वैक्सीनेशन करवा सकते हैं।

5) अगर आप किसी सीरियस एलिमेंट के लिए मेडिसिन ले रहे हैं तो क्या आप कोविड शॉट ले सकते हैं ?

वे लोग जो मेडिसिन लेते हैं और किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं जैसे कैंसर या दिल की कुछ बीमारियां, उनमें कोविड-19 से इफेक्ट होने की गुंजाइश ज्यादा है। जिससे जान जाने का खतरा भी हो सकता है। इसलिए, ऐसे लोगों के लिए कोविड-19 की वैक्सीन लेना ज्यादा जरूरी हो जाता है। हालांकि, वैक्सीन लगाने से पहले आपको अपने स्पेशलिस्ट डॉक्टर से सलाह करने की जरूरत है। कुछ मामलों में वैक्सीन लगने के बाद होने वाले साइड इफैक्ट बढ़ सकते हैं और ज्यादा परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इसलिए, ऐसे गंभीर एलमेंट से जूझ रहे लोगों को कोविड शॉट लेने से पहले बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है।

6)क्या करंट कोविड वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित है ?

जब कोविड-19 वैक्सीन हॉस्पिटलाइजेशन से रोकने में इफेक्टिव है और वैक्सीनेशन प्रोग्राम को पूरा करने के बाद वायरस के इफेक्ट को कम करने में भी असरदार है। बच्चे अभी के लिए जो कोविड-19 वैक्सीन मौजूद है उसे लेने के पात्र नहीं है। बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन कितनी ज्यादा असरदार और सुरक्षित रहेगी यह अभी तक पता नहीं चला है। इसलिए वैक्सीन बनाने वाले मैन्यूफैक्चर्स ने वैक्सीन लगवाने की सबसे कम उम्र स्पेसिफाइड की हैः

कोविशील्ड- सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया प्रा. लिमिटेड द्वारा बनाई गई वैक्सीन कोविशील्ड 18 या उससे ज्यादा की उम्र के व्यक्तियों के लिए बनाई गई है। कोवैक्सीन-भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा बनाई गई वैक्सीन कोवैक्सीन को 18 साल या उससे ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए बनाया गया है। इससे पहले डीजीसीए (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने 12 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी थी। कोवैक्सीन के फेज 2 के क्लीनिकल ट्रायल में 12 साल से 65 की उम्र तक के 380 पार्टिसिपेंट्स को लिया गया था।

7) क्या एक कोविड-19 वैक्सीन मेरे डीएनए को बदल देगा ?

यह सच नहीं है। कोविड-19 वैक्सीनेशन को दुनिया भर में शुरू किया जा चुका है। हालांकि, अभी भी कुछ लोग कोविड शॉटस को लेने से इसलिए बच रहे है क्योंकि उन्हें डर है कि यह वैक्सीन उनके डीएनए को हमेशा के लिए बदल देगा। आपको इन बातों को पूरी तरह से वेरीफाई करने के बाद ही उन पर विश्वास करना चाहिए।

8)क्या कोविड-19 वैक्सीन पुरुषों और महिलाओं में इनफर्टिलिटी (बांझपन) का कारण बन सकती है?

नहीं, ये सब अफवाहें है और गलत जानकारी है। अब तक, ऐसा एक भी सबूत सामने नहीं आया है जो यह दिखाता हो कि कोविड-19 वैक्सीन के कारण पुरूषों और महिलाओं में इनफर्टिलिटी (बांझपन)की परेशानी हुई हो।

9) क्या कोविड-19 वैक्सीन से सीने में दर्द की शिकायत वाले रोगियों पर असर पड़ेगा?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हृदय रोगियों के लिए कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। एक्सपर्ट कहते हैं कि जिन रोगियों को सीने में दर्द की शिकायत रहती है उन्हें हर हाल में कोविड वैक्सीन लेनी चाहिए जिससे वो कोविड-19 के खतरे से बच सकें।

10)क्या कोविड वैक्सीन महिलाओं को माहवारी के दौरान प्रभावित करती है?

कोविड सांस की बीमारी है जो कोविड-19 से ग्रस्त रोगी के सीधे संपर्क में आने या उसकी छुई सतह को छूने से होती है। इसकी गंभीरता अक्सर लोगों में कम या मध्यम स्तर तक ही ज्यादा पाई गई है। महामारी की वैक्सीन तैयार हो चुकी है, और अब पूरी दुनिया की महिलाएं वैक्सीनेशन करवा रही हैं। जो लोग वैक्सीन करवा चुके हैं उन पर हुए सर्वे के हिसाब से, माहवारी पर इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है। वैक्सीनेशन की वजह से माहवारी में देरी या मिस्ड पीरियड की समस्या अभी तक सामने नहीं आई है।

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