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रांची:ईडी की कारवाई से झारखंड में हड़कंप मच गया है,मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर की गिरफ्तारी के बाद मंत्री आलमगीर के खेमे में बेचैनी बढ़ गई है,
कल जब ईडी की टीम गाड़ीखाना जहांगीर केघर पहुंची तो वहीं रहने वाले मंत्री के खास और राजदार निजी सचिव गजनफ्फर उर्फ छोटू कार से भाग गए। ईडी की जांच में पता चला है कि विभाग के ठेकों में कट मनी के साथ ट्रांसफर-पोस्टिंग में मोटी रकम की वसूली होती थी।
छोटू की गिरफ्तारी से खुलेंगे कई राज
गजनफ्फर उर्फ छोटू ईडी की रडार में है,क्योंकि आलमगीर के यहां सहायक के पद पर कार्यरत छोटू की मर्जी के बिना आप मंत्री आलमगीर से मिल भी नहीं सकते हैं,
छोटू मूल रूप से इटकी का रहने वाला है लेकिन उसने पुरानी रांची में भी अपना मकान है,मंत्री के क्षेत्र पाकुड़ में भी छोटू की अच्छी पैठ है.
विभाग का कोई काम छोटू की मर्जी के बिना नहीं होता है,मंत्री कहां आयेंगे कहां जायेंगे ये सबकुछ छोटू तय करता है,किसी भी पैरवी के लिए अधिकारीयों को छोटू का ही फोन करते है.कांग्रेस हो या जेएमएम, पार्टी का हर नेता,कार्यकर्त्ता और सामाजिक लोग छोटू की मर्जी से मंत्री से मिल सकते हैं, छोटू उर्फ गजनफर इमाम की मर्जी के बिना न कोई टेंडर होता है,ना कोई ठेका,ना ट्रांसफर,