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राँची:पत्रकारिता को लेकर सुधा सिन्हा के अंदर जो दीवानगी थी, वैसा जुनून जीवन में बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। उसी जुनून में उन्होंने उस दौर में पाक्षिक अख़बार निकालने का काम किया था। यह कहना था वरिष्ठ संपादक पद्मश्री बलबीर दत्त का। वे आज राँची प्रेस क्लब में सुधा-अरमान मेमोरियल ट्रस्ट और राँची प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
श्री दत्त ने कहा कि दुनिया में जो आया है, वो जाएगा, यह शाश्वत सत्य है। परंतु, समय से पहले कुछ लोगों का चले जाना काफ़ी खलता है। कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिभा के बल पर बढ़ता है, सुधा जी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण थी। श्री दत्त ने इस अवसर पर सम्मानित होनेवाली पाँच महिला पत्रकारों को बधाई दी।
वरिष्ठ संपादक हरिनारायण सिंह ने कहा कि जिस दौर में महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल था, उस दौर में वे पत्रकारिता में आईं, यह उनके साहस का परिचायक है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रेस क्लब की स्थापना जिन उद्देश्यों के लिए की गई थी, ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से उसको बल मिलता है।प्रेस क्लब को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बहुत बधाई।
वरिष्ठ संपादक अनुज सिन्हा ने कहा कि सुधा जी हम सभी के यादों में हमेशा रहेंगी। जिस दौर में उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया था, वैसी चुनौती वहीं उठा सकता है, जिसके अंदर अदम्य साहस हो और सुधा जी उसका जीवंत उदाहरण थी।बड़ी बहन के रूप में उन्होंने जो प्यार दिया, उसे भूल पाना संभव नहीं है। कार्यक्रम में स्व. सुधा सिन्हा के पति शुभ नारायण दत्ता ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए हर वर्ष उनकी याद में इस सम्मान समारोह को आयोजित करने की बात कही।
राँची प्रेस क्लब के सचिव अमरकान्त ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र लाल सोरेन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।कार्यक्रम में क्लब के संयुक्त सचिव रतन लाल, कार्यकारिणी सदस्य मोनू कुमार के अलावा वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव, शर्मिष्ठा मजूमदार, विमल देव, समाजसेवी प्रणव बब्बू आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
जिन महिला पत्रकारों को सम्मानित किया गया
सोनाली दास
रेखा पाठक
महिमा सिंह
निलू मिश्रा
आशिया नाज़ली