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अपर बाज़ार में हवाला कारोबारियों के ठिकाने पर छापा

के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित अपर बाजार में हवाला कारोबार की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की है. रांची पुलिस की टीम ने हवाला कारोबार की सूचना पर मंगलवार को अपर बाजार के कई बड़े कारोबारियों के ठिकाने पर छापेमारी कर रही है. एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा को गुप्त सूचना मिली थी कि अपर बाजार से कुछ कारोबारी हवाला कारोबार में लिप्त हैं. जिसके बाद एक टीम का गठन कर अपर बाजार इलाके में छापेमारी की जा रही है.एक महीने पहले भी हुई थी हवाला कारोबार को लेकर छापेमारी
हवाला कारोबार की सूचना पर बीते 20 जनवरी को रांची पुलिस की टीम ने अपर बाजार के दो बड़े कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. हालांकि इस छापेमारी में कुछ भी बरामद नहीं हुआ था. पुलिस ने इस छापेमारी को सत्यापन बताया था. साथ ही कहा है कि करोड़ों रुपये की लेनदेन की सूचना पर पुलिस की एक टीम सत्यापन के लिए पहुंची थी.झारखंड में बेरोकटोक चल रहा हवाला कारोबार
झारखंड में हवाला कारोबार न सिर्फ जिंदा है, बल्कि तेजी से फल-फूल रहा है. हवाला कारोबार में नेता, बड़े व्यापारी, ठेकेदार अपने ब्लैक मनी ठिकाने लगा रहे हैं. बड़े अपराधी, व्यापारी, ठेकेदार इसी के माध्यम से बिना किसी रिकॉर्ड के अपनी ब्लैक को मनी इधर से उधर कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में कई हवाला एजेंट सक्रिय हैं. कहीं कूरियर कंपनी के नाम पर, कहीं मनी एक्सचेंज के नाम पर लाखों रुपये एक राज्य से दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे हैं.विदेशी करेंसी पर भी व्यवसायियों का इंवेस्टमेंट
विदेशी करेंसी पर भी व्यवसायियों के पैसे इंवेस्ट हो रहे हैं. विदेशी करेंसी अवैध रूप से झारखंड में लायी जा रही है, जिसका अवैध रूप से एक्सचेंज भी कराया जा रहा है. यह सब बेहद भरोसे के तहत हो रहा है. पुलिस तक शिकायत भी नहीं पहुंचती है. हवाला एजेंट बैंकों के समानांतर सिस्टम चला रहे हैं. कर्ज लेना हो या देना सब चलता है. देसी भाषा में इसे बाजार से कर्ज कहते हैं. इसमें ब्याज की दर ज्यादा होती है और कम समय के लिए कर्ज उपलब्ध होती है.क्या है हवाला कारोबार
हवाला के जरिये नकद धनराशि कम समय में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा दी जाती है. यह पैसों के लेनदेन का अवैध कारोबार है. बिना किसी बैंक या सरकारी सिस्टम की नजर में आये लाखों, करोड़ों रुपये एक से दूसरे शहर चले जाते हैं.
लेनदेन में व्यक्तियों के नेटवर्क का इस्तेमाल होता है. हवाला में पैसे देने वाले और लेने वाले व्यक्ति के बीच कोई सीधा संवाद नहीं होता. यह काम बीच के लोग और एजेंटों के माध्यम से कोड के जरिये होता है.

जानिए कैसे होता है हवाला कारोबार का पूरा खेल
हवाला का यह कारोबार whatsapp कॉलिंग और मैसेज के जरिये चल रहा है. यह धंधा कोड पर चलता है. जानकारी के लिए बता दें, यहां रुपये जमा कीजिए और व्हाट्सएप से किसी खास नोट का नंबर उस शहर के किसी एजेंट तक पहुंच जाता है, जहां रुपया रिसीव करना है. पहले ये मैनुअल तरीके से चलता था. किसी नोट का आधा हिस्सा फाड़कर रख लिया और आधा पैसे की डिलीवरी लेने वाले के पास भेज दिया जाता था.
ठिकाने पर दोनों टुकड़ों का मिलान कर राशि अदा कर दी जाती थी. बहुत मामूली से कमीशन पर ये खेल होता था. लेकिन अब तो whatsapp पर तत्काल कोड या नोट का नंबर पहुंच जाता है. बैंकों के आरटीजीएस से ट्रांसफर की तरह.
मिली जानकारी के अनुसार, साइबर फ्रॉड को लेकर बैंक अलर्ट करते रहते हैं कि ओटीपी, पासवर्ड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, आधार का नंबर किसी से शेयर न करें. इसी तर्ज पर हवाला कारोबार में भी कोड की पूरी गोपनीयता रखी जाती है. बातचीत की भी अपनी भाषा है.

झारखंड से जुड़े हवाला कारोबार के मामले
17 सितंबर 2019: बिहार से झारखंड के रास्ते कोलकाता तक हवाला के पैसे का खेल लंबे समय से चल रहा था. लेकिन इसकी भनक तक जांच एजेंसियों को नहीं लग रही थी.

27 अगस्त 2019: भागलपुर से कोलकाता जा रही पागल बाबा बस में दुमका के बागनल के पास लूट हुई थी. इस लूटकांड में गिरफ्तार अपराधियों से जब पुलिस ने पूछताछ तो मामले का खुलासा हुआ.

जुलाई 2017: रांची के इनकम टैक्स कमिश्नर तापस दत्ता को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था. उनकी हवाला कारोबार में भी संलिप्तता सामने आई थी.

सितंबर 2017: झारखंड में संजीवनी बिल्डकॉन के जरिये अरबों रुपये की ठगी कर फरार हुआ जयंत दयाल नंदी उर्फ जेडी नंदी द्वारा हवाला के जरिये मलेशिया से पैसे भेजने की बात सामने आई थी. इन पैसों से वह जमीन की ठगी के आरोप में दर्ज मामलों की पैरवी कर रहा था. सीबीआइ ने जानकारी मिलने के बाद इसकी जांच की थी.

मई 2014: रांची में आयकर विभाग ने हवाला कारोबारी हेमंत अग्रवाल को पकड़ा था. वह राज्यस्तरीय हवाला कारोबारी था. वह जेवर व्यापारियों के काले धन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता था. वह एक कूरियर कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत था. हवाला का कारोबार उसका साइड बिजनेस था.

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