किसानों की मांगों को लेकर 18 जून को खेतों में धरना देंगे भाजपा कार्यकर्ता
भाजपा किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर है। प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि किसानों के धान के बकाये का भुगतान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रकाश ने कहा कि झारखंड राज्य में बीते वर्ष धान की अच्छी फसल होने से किसान काफी उत्साहित थे। और
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निदेश पर नवम्बर 2020 में किसानों से धान क्रय का कार्य प्रारंभ हुआ। परंतु एक सप्ताह बाद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और सरकार के मंत्री रामेश्वर उरांव के द्वारा जारी आदेश जिसमे गीले धान का कारण बताकर मुख्यमंत्री के आदेश को दरकिनार करते हुए धान खरीद पर अनावश्यक रोक लगाई गई जिससे किसानों को काफी परेशानी हुई।
कहा कि इस विषय को लेकर जब भाजपा प्रखण्ड मुख्यालयों में पूरे राज्य में धरना एवं प्रदर्शन किया तब पुनः धान का क्रय प्रारंभ हुआ।
किसानों से पूरे धान भी नही क्रय किए गए, किसान अपने घरों में धान बोरी में भर के रखे रहे लेकिन सरकार ने पूरे धान नही खरीदे। किसानों के धान या तो सड़ गए या किसान बिचौलियों के हाथों में औने पौने कीमतों में धान बेचने को मजबूर हुए।
उन्होंने कहा कि अभी पूरे राज्य में धान की बुवाई एक सप्ताह के अंदर प्रारंभ होने वाले हैं लेकिन खरीदे हुए धान के बकाया राशि का भुगतान झारखंड सरकार के द्वारा अभी तक नही किया गया।
प्रकाश ने कहा कि कोरोना संकट के बीच किसानों की समस्याओं को भाजपा नजदीक से महसूस कर रही है। एक सशक्त विपक्ष की भूमिका में पार्टी किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।
उन्होंने कहा कि किसान अब खेतों में काम पर जुटने वाले हैं।
प्रकाश ने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि पूरे राज्य में मंडलवार खेत टांड़ में धरना देकर किसान हित में राज्य सरकार के विरुद्ध आवाज मुखरता से रखें और राज्य सरकार को मजबूर करें ताकि किसानों का बकाया राशि का भुगतान अविलंब हो।
कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व जेएमएम, कांग्रेस और राजद ने जो वादे किसानों के साथ किए थे जिसमे किसानों का 2लाख तक ऋण माफ करना, मुफ्त में बिजली देना प्रमुखता से शामिल था को सत्ता में आते ही भुला दिया गया।
पिछले वर्ष किसान धान खेती के समय यूरिया खाद को ब्लैक में लेने को मजबूर हुए थे,।
उन्होंने सरकार को सचेत किया कि इस बार किसानों के साथ ऐसा व्यवहार न करे ।